शादी के तुरंत बाद,तुम इतनी दूर हो कि मैं,जब चाहूं तब देख नहीं सकता,जब चाहूं तब सुन नहीं सकता,जब चाहूं तब बात नहीं कर सकता,लेकिन फिर भी,जब चाहूं तुम्हें आस पास,महसूस कर सकता हूं। कैसे? है कुछ जुगाड तो बैठा लिए है मैंने! जैसे? जैसे कि मैंने कमरे के दरवाजे की पीछे,अब भी तुम्हारे कुछ …
Category: Poems
Poems on Society, Love, Life, Beauty based on personal observations.
बगावत का पहला निशान
Poetry about Politics and Love. One Poetry & Double Interpretation. Loved it after writing.
नदी के उस पार का प्यार
एक सफर की कहानी जिसमे मैं मंजिल यानी एक जीवनसाथी लड़की ढूंढने निकला था।
दो होना एक बात है, एक होना एक।
हम तो समझते थे कि घर होना आसान है, जाना कि घर बनाना एक बात है, पहुंच पाना एक।#Traffic #HouseToHome किस्से बड़े खूब तेरे शहर की दोस्ती के, दोस्त होना एक बात है, मिल पाना एक।#Distances #Mumbai अब तो समझ नहीं आता की आखिर सच क्या है? सच मालूम होना एक बात है, समझ पाना …
न जाने छुपा क्या क्या है ?
Women's Special: इश्क के बाद तू ही तो ये दुनिया बचाए है, आदमी को मौका दिया, देखो जरा आगे की उम्मीद क्या है? कितना डरावना है कि ये ख्वाबी मर्ज तो तेरी हकीकत है, आखिर तुझमें ये बेइंतहा मजबूत बात क्या है?
Get Up and ReStart!
Note To Future-To Give Me The Courage To Try Again.
तुम्हारा शाश्वत हो जाना
"..शायद इसीलिए अब तक ऐसी शाश्वत रचना नहीं बन पायी है, जिसे लोग रोमियो और जूलिएट की तरह याद करे.." "..कविता समय से ऊपर उठे या न उठे, वो सब अब कोई मायने नहीं रखता.."